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इस बड़े जौहरी ने एक जल का बड़ाबासन भराय तामैं एक पोस्त की डोंडी उलटी तिराई, ताके ऊपर प्रथम | तौ शुद्ध रतन धरि ता कड़ाही के जल में तिराई सो कड़ाहो का जल सर्व रतन के रङ्ग समान भया। सर्व को ।। दिखाय पीछे उस रत्र को उठाय लिया। अरु फिर उस घटमोल रत्न को डौडी पर धर तिराया, सो यातें भो सर्व । जल रतनमयो भया। परन्तु एक राईमात्र जल में छोटा रहा सो जल रूप ही रहा, रत्न के रङ्ग नाही भया, जहाँ
जहाँ जल मैं डोडी रतन सहित फिरें, तहाँ-तहाँ राई मात्र जल ही दीखें। तब या बड़े जौहरी ने रख के धनीकों कहो। भो मित्र देखि इस छांटा के दस हजार दीनार घाटि भये हैं। ऐसा दोष है सो तेरे रत्र का दोष देखि। । कोऊ तें तो हमारा द्वेष नाहीं। परन्तु सांची दृष्टि के धारी जोहरी होय तिनका यह धर्म है सो जैसा होय तैसा कहैं। तब याके वचन सुन, याके सांचे ज्ञान की प्रतीत कर ग्राहक ने रतन लिया। जर इनके ज्ञान की प्रतीति कर जौहरी नै दस हजार दीनार घाटि लिये। अरु याका विशेष ज्ञान जानि, विशेष ज्ञान की स्तुति करी। अर अज्ञानी घास के बेचनेहारे ने रतननिकों कांच खण्ड कहा सो तो प्रतोति नहीं करो। अरु विशेष ज्ञान की प्रतीति करी। तैसे हो जे लौकिक पंडित क्रोध मान माया लोम के धारी, धर्मवासना रहित, जिन भाषिततत्त्वरत्न तिनको परीक्षा करवेकों घास लकड़ी बेचनेहारे समान तुच्छज्ञानी, विशेष धर्मअर्थ जानने को असमर्थ, कषायनि के दास, तिनकी हास्य निन्दा का भय नाही। ऐसा जानि इस ग्रन्थ का प्रारम्भ करूंगा। अज्ञानी जीवन का भय, विवेकी करते नाही। जैसे कोऊ बैल तथा ऊँट है। सो ताको देखिकै नन पुरुष लज्जा भय नांहि करै, नग्न बैठा रहे। वही मनुष्य दस बरस का बालक भी देखे तो लज्जा करे। सो बैल ऊँट तौ बीस बरस के बड़े तनके धारी तिनको लज्जा नहीं करै, अर मनुष्य को बालक दृष्टि देखि लज्जा करिये है सो क्यों ? पशुन में नग्न पने का ज्ञान नाहीं। अरु बालक को नन का ज्ञान है, सो बालक को लज्जा योग्य है। तैसेहो अज्ञानी, धर्मवासना रहित, पशु समान अज्ञानिन को शंका-भयतें धर्मकार्य तजना योग्य नाही, ऐसा जानि ग्रन्थारम्भ करौं हों। तब तरकी ने कही
प्रारम्भ तौ करौ हो परन्तु सावधान होई करियौं। ज्यौं छन्दन को जोड़ि न विनशैं। अर्थ की शुद्धता, वचन की ३५ | मिष्टाई सहित ललिताई इत्यादिक कवीश्वरों की परिपाटी अनुसार निर्दोष करना। ताको कहिये है है भाई!
सर्व दोष रहित ग्रन्थारम्भ तो बड़े कवीश्वरों के नाथ छत्तीस गुण धारक आचार्य चारि ज्ञान के धारी ते करें हैं।