________________ MOHeerineeta मग्नता-2 Homewomamal प्रत्याहृत्येन्द्रियव्यूह, समाधाय मनो निजम्। मन आत्म में एकाग्र करना मग्नता का अर्थ है। जड़ इन्द्रियों को विमुख विषयों से करे वो समर्थ है। हो चेतना निज में मगन लगनी लगे ऐसी सदा। मस्ती हो हर पल आत्म में हो रमणता शिव सर्वदा // 1 // विषयों की ओर आकृष्ट बनती इन्द्रियों को उनसे विमुख कर तथा अपने मन को स्थिर कर चैतन्य मात्र में विश्राम प्राप्त आत्मा मग्न कहलाता है। CONCENTRATION Ure who has succeeded in controling his baser instincts and who through introspection has focused his mind on his soul or inner self, he alone finds the bliss of trance like concentration. {9}