________________ शास्त्रे पुरस्कृते तस्माद् वीतरागः पुरस्कृतः / पुरस्कृते पुनस्तिस्ति , नियमात् सर्वसिद्धयः / / 4 / / यदि शास्त्र वर होते पुरस्कृत हो पुरस्कृत जिन सकल। हो वीतराग अगर पुरस्कृत सिद्धि प्राप्त करे विमल॥ ये वीतराग ही शास्त्र है ये शास्त्र ही वीतराग है। प्रति शास्त्र मेरे हृदय में उमड़ा भरा अनुराग है। शास्त्र को पुरस्कृत किया अर्थात् वीतराग को पुरस्कृत किया। वीतराग को स्वीकार किया अर्थात् शास्त्र को स्वीकार किया। इसका अर्थ है-शास्त्र वीतराग ही है और वीतराग ही शास्त्र है। इस प्रकार नियम से सर्व सिद्धि होती है। One revels at the fact that if the 'Shastras' are appreciated than it amounts to the 'Vitarags' (the all knowing Sadhus) being appreciated. For the Vitarags and the shastras are virtually synonymous in their essence. - - {188}