________________ शास्त्रोक्ताचारकर्ता च, शास्त्रज्ञः शाखदेशकः / शास्त्रैकद्दगं महायोगी, प्राप्नोति परमं पदम्॥8॥ वैसा ही जो आचार पाले शास्त्र में जैसा कहा। सत् शास्त्र को जो जानता उपदेश भी वैसा महा। है एक दृष्टि शास्त्र में ऐसे मुनीश्वर धन्य हैं। वे मोक्ष को पाते उन्हें हो नमस्कार अनन्य है।।8।। शास्त्र निर्दिष्ट आचार का पालन करने वाला, शास्त्रज्ञ, शास्त्र का उपदेश करने वाला, तथा शास्त्र में एक दृष्टि रखने वाला महान् योगी परम पद को प्राप्त करता है। Munis who keep an unfaltering faith in the shastras are sure to get liberated and are worthy of salvation. {192} .