________________ आलम्बनमिह ज्ञेयं, द्विविधं रूप्यरूपि च। अरुपिगुंणसायुज्ययोगोऽनालम्बनः परः। 6 / / आलंबनं के भेद दो रूपी अरूपी हैं कहे। उत्कृष्ट होता अनालंबन योग. जो योगी लहे॥ हैं जो अरूपी सिद्ध उनके गुणों में तल्लीन हो। योगी परम उसके हृदय में बजे शिव पद बीन हो।।6।। : रूपी और अरूपी ये आलम्बन के दो प्रकार हैं, उनमें अरूपी सिद्ध के स्वरूप के साथ तन्मयता रूप योग उत्कृष्ट अनालम्बन योग है। There are two types of goals or targets of meditation, one with a form and another formless. To transcend into oneness with the formless siddha is the highest level of meditation and is known as Analmban. Yoga. {214}