________________ अर्वाक् सर्वापि सामग्री, श्रान्तेव परितिष्ठति। विपाकः कर्मणः कार्यपर्यन्तमनुधावति // 6 // साधन सभी हो पास में तो. भी रहे सब श्रान्त सम। हो कर्म कारण तो ही होता कार्य पूरा सफलतम // दौड़े सदा ही कर्म का परिणाम पीछे उम्र भर।। बिन कर्म के कुछ हो नहीं चाहे लगावे जोर नर / / 6 / / . पास पड़ी सारी अन्य सामग्री (कारण) थके हारे की तरह पड़ी रहती है जबकि कर्म का विपाक कार्य के अन्त तक पीछे दौड़ता रहता है। Despite all the facilitating factors and all efforts success may still elude one till the moment of fruition of positive karma. Thus karma pursues one all through the life. {166}