________________ भवोद्वेग-22 यस्य गम्भीरमध्यस्याऽज्ञानवज्रमयं तलम्। रुद्धा व्यसनशैलोधैः, पन्थानो यत्र दुर्गमाः // 1 // है मध्य भाग विशाल विश्व समुद्र का यह रूप है। अज्ञान रूपी वज्र से निर्मित सबल तल कूप है। संकट स्वरूपी पर्वतों से रुद्ध पथ दुर्धर्ष है। जग रूप देख विराग भावों का बने उत्कर्ष है॥1॥ इस संसार रूप समुद्र का मध्यभाग बड़ा गम्भीर है, अज्ञान रूप वज्र से बना इसका तल-प्रदेश हैं। इसमें संकट रूपी पर्वतों के समूह से अवरुद्ध अनेक दुर्गम मार्ग हैं। Emotions The central part of this ocean like mundane world is extremely tranquil with the deeps made up of diamond hard ignorance. There are paths made innavigable by ranges of mountains of miseries. {169)