________________ मिथो युक्तपदार्थनामसड्.क्रमचमक्रिया। चिन्मात्रपरिणामेन, विदुषैवाऽनुभूयते॥7॥ जो जीव पुद्गल तत्त्व हमको एक जैसे ही लगे। है अलग लेकिन मोहवश निंदिया हमारी ना भगे। जड़ चेतना की भिन्नता रूपी चमत्कृति भान है। अनुभव करे जो ज्ञान परिणति-वान है विद्वान् है॥7॥ परस्पर संयुक्त बने जीव-पुद्गलादि पदार्थों का भिन्नता रूप चमत्कार एक विद्वान् के द्वारा ही ज्ञान मात्र परिणाम से अनुभव किया जाता है। The soul appears to be very much a part of the body but that is just an illusion; for the soul element and the body element are astonishingly and vastly different and those who recognize this are truly knowledgeable. {111}