________________ मुनिरध्यात्मकैलासे, विवेकवृषभस्थितः। शोभते विरतिज्ञप्तिगंगागौरीयुत: शिवः // 5 // अध्यात्म रूपी शिखर है कैलाश वृषभ विवेक है। चारित्र गंगा ज्ञान गौरी साधु शिवसम एक है। ऐसे मुनीश्वर ऋद्धिमान जगत शिरोमणि श्रेष्ठ है। नृप इन्द्र से सुर चक्रवर्ती से भी सब में ज्येष्ठ है।। 5 // .. अध्यात्म रूप कैलाश पर्वत पर, विवेक रूप वृषभ.पर विराजमान, चारित्र और ज्ञान रूप क्रमश: गंगा और पार्वती सहित महादेव की तरह 'मुनिराज' शोभा प्राप्त करते हैं। The accomplished sage is like Lord Shiva. He dwells on the Kailash mountain of spiritualism and sits on the bull of discerning attitude along with Ganges of conduct and Parvati (his consort) of knowlege. {157}