________________ | इन्द्रिय-जय-7 बिभेषि यदि संसारान्मोक्षप्राप्ति च काड्.क्षसि। तदेन्द्रियजयं कर्तुं, स्फोरय स्फारपौरुषम् // 1 // भय जो लगे यदि जगत से चाहे सदा शिव रत्न को। तो सकल अपनी इन्दियाँ हर समय काबू में रखो। उद्देश्य जीवन का बने अपना सकल पुरुषार्थ हो। जो इन्द्रियों पर पाई विजय तो आप सच्चे पार्थ हो॥१॥ यदि तू संसार से डरता है और मोक्ष प्राप्ति की आकांक्षा है रखता तो इन्द्रियों पर विजय प्राप्त करने के लिए उग्र पराक्रम प्रकट कर। VICTORY OVER SENSES If you fear the ways of the world and desire liberation keep your sense organs under control. The sole aim of life then should be to stir valour and reign over ones senses. {49} . .