________________ | शम-6 विकल्पविषयोत्तीर्णः, स्वभावाऽऽलम्बनः सदा। ज्ञानस्य परपाको यः, स शमः परिकीर्तितः // 1 // हो इष्ट प्राप्ति अनिष्ट नष्ट न रूप कोई विकल्प है। निज शुद्ध ध्याने स्व स्वरूपे रमणता यह कल्प है। सद्ज्ञान का ऐसा सुखद फल शम कहावे शास्त्र में। शमधारि मुनि हो चलित .ऐसी शक्ति ना ब्रह्मास्त्र में // 1 // विकल्प रूप विषयों से निवृत्त बना, निरन्तर आत्मा के शुद्ध स्वभाव का आलंबन जिसे हैं, ऐसा ज्ञान का परिणाम समभाव कहलाता है। PACIFICATION Abscence of agitation born of alternatives and perpetual indulgence in the self, a state that is the result of maturity of right knowledge, is called pacification or equanimity. {41}