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जैनागम स्तोक संग्रह ६ संज्ञा द्वार : संज्ञा चार १ आहार संज्ञा, २ भय-संजा, ३ मैथुन संज्ञा, ४ परिग्रह संजा।
७ लेश्या द्वार : लेश्या छः १ कृष्ण लेश्या, २ नील लेश्या, ३ कापोत लेश्या, ४ तेजो लेश्या, '५ पद्म लेश्या, ६ शुक्ल लेश्या ।
८ इन्द्रिय द्वार : इन्द्रिय पाच १ श्रोतेन्द्रिय, २ चक्षु इन्द्रिय, ३ घ्राणेन्द्रि, ४ रसनेन्द्रिय, ५ स्पर्शेन्द्रिय ।
६ समुद्घात द्वार--समुद्घात सात १ वेदनीय समुद्घात, २ कषाय समुद्धात, ३ मारणान्तिक समुद्घात, ४ वैक्रिय समुद्घात, ५ तेजस् समुद्घात, ६ आहारक समुद्घात ७ केवली समुद्घात ।
१० संज्ञी-असंज्ञी द्वार जिनमें विचार करने की (मन) शक्ति होवे सो संज्ञी और जिनमें (मन) विचार करने की शक्ति नही होवे सो असज्ञी।
११ वेद द्वार--वेद तीन १ स्त्री वेद, २ पुरुप वेद, ३ नपुंसक वेद।
१२ पर्याप्तिद्वार-पर्याप्ति छः १ आहार पर्याप्ति, २ शरीर पर्याप्ति, ३ इन्द्रिय पर्याप्ति, ४ श्वासोच्छ्वास पर्याप्ति, ५ मनः पर्याप्ति, ६ भापा पर्याप्ति।
१३ दृष्टि द्वार-दृष्टि तीन १ सम्यग् दृष्टि २ मिथ्यात्व दृष्टि ३ सम्यग् मिथ्यात्व (मिश्र ) दृष्टि।