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आठ कर्म की प्रकृति
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मनुष्य आयुष्य चार प्रकारे बॉधे :- १ भद्र प्रकृति २ विनय प्रकृति ३ सानुक्रोष (दया) ४ अमत्सर ( इर्ष्या रहित ) ।
देव आयुष्य चार प्रकारे बाँधे :३ बालतप ४ अकाम निर्जरा ।
-१ सराग सयम २ सयमासंयम
आयुष्य कर्म चार प्रकारे भोगवे
१ नेरिये नरक का भोगवे २ तिर्यंच, तिर्यंच का भोगवे ३ मनुष्य, मनुष्य का भोगवे ४ देव, देव का भोगवे ।
आयुष्य कर्म की स्थिति
नरक व देव की स्थिति ज० दश हजार वर्ष और अन्तर मुहूर्त की, उ० तेतीस सागर और करोड पूर्व का तीसरा भाग अधिक ।
मनुष्य व तिर्यच की स्थिति ज० अ० मुहूर्त की उ० तीन पल्य करोड पूर्व का तीसरा भाग अधिक ।
नाम कर्म का विस्तार
नाम कर्म के दो भेद -१ शुभ नाम २ अशुभ नाम ।
नाम कर्म के ९३ प्रकृति जिसके ४२ थोक
१ गति नाम २ जाति नाम ३ शरीर नाम ४ शरीर अंगोपाग नाम ५ शरीर बधन नाम ६ शरीर संघातकरण नाम ७ सघयन नाम सस्थान नाम & वर्ण नाम १० गध नाम ११ रस नाम १२ स्पर्श
नाम १३ अगुरु लघु नाम १४ उपघात नाम १५
अणुपूर्वी नाम १७ उच्छ्वास नाम १८ उद्योत नाम
पराघात नाम १६
१६ आताप नाम
२० विहाय - गति नाम २१ त्रस नाम २२ स्थावर नाम २३ सूक्ष्म नाम
२४ बादर नाम २५ पर्याप्त नाम २६ अपर्याप्त नाम २७ प्रत्येक नाम
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