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जीवो को मार्गणा ३७५ तिर्य० पचेन्द्रिय कृष्णलेशी में - ३७६ एक सस्थानी मिश्र योगी
पचेन्द्रिय अनेरियों में - ३७७ तिर्य चक्षु० कृष्ण लेशी में ३७८ भुजपर की गति के पंचे०
तीन शरीरी मे ३७६ तिर्य० घ्राणेन्द्रिय कृष्ण लेशी ३८० पुरुष तीन शरीरी अचरम में ३८१ तिर्यक् त्रस कृष्ण लेशी में ३८२ , तीन शरीरी कृष्ण लेशी में ३८३ तिर्य० एक संस्थानी मे ३८४ सज्ञी एक संस्थानी मे १४ ३८५ नो गर्भज की गति के बादर में २ ३८६ उर्ध्व० तिर्य० एकान्त भव
धारणी देह पांच अचरम में - ३८७ उर्ध्व० तिर्य० त्रस मिथ्या
एकान्त भव धारणी देह मे ३८८ अधो० तिर्य० एकान्त भव
धारणी देह बादर मे ३८६ सज्ञो अभव्य तीन शरीरी
अतिर्यच मे ३६० पुरुष वेद तीन शरीरी में ३९१ पचेन्द्रिय कृष्ण एक
सस्थानी में ३६२ तिर्य० बादर तीन शरीरी में ३९३ तिर्यच बादर कृष्ण लेशी मे ३६४ सज्ञी अभव्य तीन शरीरी
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