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अवधि पद
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उ० तीन प्रकार से देखे ऊचा-अपने विमान की ध्वजा तक, नीचे नरक के तले तक ।
तिर्यक् पल के आयु वाले स० द्वीप समुद्र देखे व सागर के आयु० वाले असख्यात द्वीप समुद्र देखे । तीसरे देवलोक से सर्वार्थसिद्ध विमान तक के देवता ऊचा अपने २ विमान की ध्वजा तक देखे, तिर्यक असख्यात द्वीप समुद्र देखे नीचे-तीसरे चौथे देवलोक वाले दूसरा नरक के तले पर्यंत,पांचवे छ? वाले तीसरी नरक के तले तक, सातवॉ, आठवॉ देवलोक वाला चौथी नरक के तलिया तक देखे । नववे से बारहवे देवलोक तक वाले पांचवी नरक के तले पर्यन्त, नव वेयक वाले छट्ठी नरक के तले तक चार, अनुत्तर विमान वाले सातवी नरक के तले तक और सर्वार्थ सिद्ध के देवता सातवी नरक के तले तक देश ऊपी लोक नालिका तक देखे । तिर्यच ज० आगुल के असख्यातवे भाग उ० सख्यात द्वीप समुद्र देखे । मनुष्य ज० के असख्यातवे भाग उ० समग्र लोक और अलोक मे लोक जितने असं० भाग देखे ।
३ सठाण द्वार - नेरिये त्रिपाई के आकरवत् देखे, भवनपति पालने के आकारवत्, वाणव्यन्तर झालर के आकार समान, ज्योतिषी पडह के आकारवत् देखे। वारह देव लोक के देवता मृदग के आकार वत, देखे नवगै वेयक के देवता फूलो की चगेरी समान देखे, और अनुत्तर विमान के देवता कु वारी कन्या की कचुकी समान देखे।
४ आश्यन्तर-बाह्य द्वार -नेरिये व देव आभ्यन्तर देखे, तिर्यञ्च बाह्य देखे। मनुष्य आभ्यन्तर और बाह्य दोनो देखे कारण की तीथेकरो को अवधि ज्ञान जन्म से ही होता है।
५ देश और सर्व थकी-नारकी, देवता और तिर्यच देश थकी और मनुष्य सर्व थकी।
६ अनुगामी और अनानुगामी -नारको देवता का अवधिज्ञान
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