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५२४
इन्द्र
आभ्यान्तर सभा
देवी सं०
चमरेन्द्र ३५०
बलेन्द्र ४५० दक्षिण के
इन्द्र १७५
१ ॥ पल्य
२॥
स्थिति देवी सं० स्थिति देवी स०
१ पल्य
२५०
३५०
و
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मध्यम सभा
उत्तर के
६ इन्द्र २२५ ० ॥ पल्य
३००
४००
२
से०
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१५०
० न्यून से अ०
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जैनागम स्तोक संग्रह
बाह्य सभा
० ॥ पल्य
१२५
स्थिति
१ पल्य
१॥ पल्य
१७५
이
२००
से न्यून
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परिचारणा द्वार - ( मैथुन ) पांच प्रकार का — मन, रूप, शब्द, स्पर्श और काय परिचारण (मनुष्यवत् देवी के साथ भोग) |
वैक्रिय करे तो—चमरेन्द्र देव - देवियों से समस्त जबूद्वीप असख्य द्वीप भरने की शक्ति है परन्तु भरे नही ।
बलेन्द्र देव-देवियो से साधिक जंबूद्वीप भरे, असख्य भरने की शक्ति है परन्तु भरे नही ।
इन्द्र देव-देवियों से समस्त जंबूद्वीप भरे संख्यात द्वीप भरने की शक्ति है परन्तु भरे नही ।
लोकपाल देवियों की शक्ति संख्यात द्वीप भरने की शेष सबों की सामानिक, त्रास्त्रिश देव-देवी और लोकपाल देव की वैक्रिय शक्ति अपने इन्द्रवत्, वैक्रिय का काल १५ दिन का जानना ।
अवधि द्वार - असुर कुमार देव ज० २५ यो० उ० ऊर्ध्व सौधर्म देवलोक, नीचे तीसरी नरक, तोर्च्छा असंख्य द्वीप समुद्र तक जाने व देखे शेष जाति के भवनपति देव ज० २५ यो० उ० ऊंचा ज्योतिषी के तले तक, नीचे पहेली नरक, तीर्च्छा सख्यात द्वीप समुद्र तक जाने - देखे |
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