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परम कल्याण के ४० बोल
४४७.
ज्ञाता, आवश्यक
धर्मरुचि अरणगार अरणिक अनगार खदक अरणगार
उत्तरा..
प्रभावती रानी मेघरथ राजा
शातिनाथ चरित
प्रदेशी राजा
रायप्रश्नीय
२८ जीव दया पालने से , २६ व्रत से गिरते ही ,
सावधान होने से ३० आपत्ति आने पर ,
धैर्य रखने से ३१ जिनराज की भक्ति ,
करने से ३२ प्राणो का मोह ,
छोडकर भी दया
पालने से ३३ शक्ति होने पर भी ,
क्षमा करने से ३४ सहोदर भाइयो , ____ का भी मोह छोड़ने से ३५ देवादि के उपसर्ग ,
सहने से ३६ देव गुरु वदन में ,
निर्भीक होने से ३७ चर्चा से वादियो को ,
जीतने से ३८ मिले हुए निमित पर,
शुभ भावना से ३६ एकत्व भावना
भावने से ४० विषय सुख मे
गृद्ध न होने से
राम वलदेव
६३ श्ला० पु०
चरित्र उपासक दशा
कामदेव
सुदर्शन सेठ
अतगड,
मण्डूक श्रावक
भगवती,
आर्द्रकुमार
सूत्रकृताग,
नमिराजर्षि
-उत्तरा,
जिनपाल
ज्ञाता,