________________
समुद्घात पद
४६६
होवे तो १. २, ३. ४ बार को शेष पूर्ववत् । केवली समु० २३ दंडक के एकेक जीव भूतकाल में करे तो १ वार करेगा । मनुष्य मे की होवे तो भूत मे वार और भविष्य मे भी एक बार करेगा ।
<
४ अनेक जीव अपेक्षा - ४ दण्डक - पाँच ( प्रथम की ) समु० २४ दडक के अनेक जीवो ने भूतकाल मे अनन्त करी, भविष्य मे अनन्त करेगा ।
आहारिक समु० २२ दंडक के अनेक जीव आश्री भूतकाल मे असंख्यातकरी और भविष्य मे असंख्यात करेगा । वनस्पति मे भूत भविष्य की अनन्त कहनी मनुष्य मे भूत-भविष्य की स्यात् सख्यात. स्यात् असं० कहनी |
केवली समु० २२ दंडक में भूतकाल मे नही. भविष्य मे असं ० करेगा । वनस्पति मे भूतकाल में नही करी. भविष्य में अनन्त करेगा । मनुष्य के अनेक जीव भूत मे करी होवे तो १. २ ३ उ० प्रत्येक सौ बार भविष्य में स्यात् संख्याती स्यात् असं० करेगा ।
५ परस्पर की अपेक्षा २४ दण्डक - एक एक नेरिया भूतकाल में नेरिया रूप मे अनन्ती वेदनी समु० करी भविष्य मे कोई करेगा, कोई नही करेगा तो १-२-३ संख्याती, असख्याती अनती करेगा एव एकेक नेरिया, असुर कुमार रूप मे यावत् वैमानिक देव रूप से कहना |
एकेक असुर कुमार रूप मे वेदनी समु० भूतकाल मे अनन्ती करी भविष्य मे करे तो जाव अनती करेगा। असुर कुमार देव अमुर कुमार रूप मे वेदनी समु० भूत मे अनती करी, भविष्य मे करे तो १ २ ३ जाव अनन्ती करेगा एव बैमानिक तक कहना और ऐसे ही २४ दन्डक मे समझना ।
कषाय समु० एकेक नेरिया नेरिया रूप से भूत मे अनती करी भविष्य मे करे तो १-२-३ जाव अनती करेगा एकेक नेरिया असुर