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रात्रि-पहर देखने (जानने) की विधि
५११ ज्येष्ठ में-१४ दिन विशाखा, १५ दिन अनुराधा, १ दिन _ज्येष्ठा।
आषाढ़ मे-१४ दिन ज्येष्ठा, १५ दिन मूल और १ दिन पूर्वापाडा। ___अन्तिम एकेक दिन है, वह नक्षत्र पूर्णिमा के दिन होवे तो उस महीने का अन्तिम दिन समझना। ।
१४ पूर्व का यन्त्र
१४ पूर्व के नाम
कर्ता वत्थु चूलावत्थु
पद
शाही ( स्याही) विषय-वर्णन हस्ति
उत्पाद
कोड
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अगरणीय ७० लाख वीर्य अस्तिनास्ति ज्ञान प्रमाद २ , सत्य , २६ , आत्मा, १ क्रोड ८०ला
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1 पांचवे गणधर श्री सुधर्मा स्वामी
४ १ सर्व द्रव्य, गुण पर्याय
की उत्पत्ति और नाश १२ २ स द्र. गु. प का ज्ञान ८ ४ जीवोके वीर्य का वर्णन १० ८ अस्ति - नास्ति का
स्वरूप और स्याद्वाद ० १६ ५ ज्ञान का व्याख्यान ० ३२ सत्य सयम का , ० ६४ नय प्रमाण दर्शन सहित
आत्म स्वरूप ३० ० १२८ कर्म प्रकृति, स्थिति
अनुभाग, मूल उत्तर प्र.
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कर्म ,
८४ लाख