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पाँच देव
३७७ अन्तर पड़े तो ज० दो पल्य जाजेरा उ० अर्ध पुद्गल परा० मे देश न्यून । देवाधिदेव मे अन्तर नही पड़े। भाव देव मे ज० अन्तर्मुहूर्त का उ० अनन्त काल का।
६ अल्पबहुत्व द्वार १ सव से कम नर देव, २ उनसे देवाधि देव सख्यात गुणा, ३ उनसे धर्म देव सख्यात गुणा, ४ उनसे भवि द्रव्य देव असख्यात गुणा और ५ उनसे भाव देव असख्यात गुणा ।