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दश द्वार के जीव स्थानक
गाथा :१ जीवठाण, २ लक्खण, ३ ठिई ४ किरिया, ५ कम्मसत्ताअ । ६ बन्ध ७ उदीरण ८ उदय ६ निज्जरा १० छभाव दश दाराअ ।।
अर्थ-दश द्वार के नाम.-१ चौदह जीव स्थानक के नाम २ लक्षण द्वार ३ स्थिति द्वार ४ क्रिया द्वार ५ कर्म सत्ता द्वार ६ कर्म बन्ध द्वार ७ कर्म उदीर्णा द्वार ८ कर्म उदय द्वार ह कर्म निर्जरा द्वार १० छः भाव द्वार।
दश द्वार का विस्तार (१) नाम द्वार -चौदह जीव स्थानक के नाम १ मिथ्यात्व जीव स्थानक २ सास्वादान जोव स्थानक ३ सम मिथ्यात्व (मिश्र) दृष्टि जीव स्थानक ४ अव्रती समदृष्टि जीव स्थानक ५ देशव्रती जीव स्थानक ६ प्रमत्त सयति जीव स्थानक ७ अप्रमत्त सयति जीव स्थानक ८ निवर्ती बादर जीव स्थानक ६ अनिवर्ती बादर जीव स्थानक १० सूक्ष्म सपराय जीव स्थानक ११ उपसममोहनीय जीव स्थानक १२ क्षीण मोहनीय जीव स्थानक १३ सयोगी केवली जीव स्थानक १४ अयोगी केवली जीव स्थानक ।
(२) लक्षण द्वार :-१ मिथ्यात्व दृष्टि जीव स्थानक का लक्षणइसके दो भेद १ उणाइरित २ तवाइरित ।
१ उणाइरित .-जो कम ज्यादा श्रद्धान करे व प्ररूपे। २ तवाइरित :-जो विपरीत श्रद्धान करे व प्ररूपे ।
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