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जीवो को मार्गणा
२६८ एक दृष्टि त्रस काय मे २६६ तिर्यक कृष्ण लेशी त्रस मरने वालो मे
२७० वादर एकान्त मिथ्यात्वी मे २७१ मनुष्य की आगति के मिथ्यात्वी मे
२७२ मनुष्य की आगति के प्रत्येक शरीरी मे
२७३ नील लेशी एकान्त मिथ्यात्वी मे
२७४ कृष्ण लेशी मिथ्यात्वी मे २७५ क्रियावादी समोसरण मे
२७६ मनुष्य की आगति मे २७७ चार लेश्या वालो मे २६८ तिर्यक लोक बादर अभाषक मे
२७६ च० इन्द्रिय सम्यक् अनेक भव वालों मे
२८० पंचे सम्यक् दृष्टि मे २८१ च० इन्द्रिय स० दृष्टि में
२८२ घ्राणेन्द्रिय स० दृष्टि मे
२८३ त्रस काय स० दृष्टि में २८४ तिर्यक लोक के पुरुष वेद में
२८५ च० इन्द्रिय एक सस्थान औदारिक मे
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