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बडा बासठिया
२६६ । ६ वेद द्वार :-१, सवेद में-जीव के भेद १४, गुणस्थानक ६प्रथम, योग १५, उपयोग १० केवल के दो छोड कर, लेश्या ६ ।
२ स्त्री वेद मे-जीव के भेद २-सज्ञी का, गुणस्थानक ६ प्रथम, योग १३ आहारक के दो छोड़ कर, उपयोग १० केवल के दो छोड़ कर, लेश्या ६ । ___३ पुरुष वेद में-जीव के भेद २ सज्ञी के, गुणस्थानक ६ प्रथम, योग १५, उपयोग १० केवल के दो छोड़ कर, लेश्या ६ ।
४ नपु सक वेद मे-जीव के भेद १४, गुणस्थानक ६ प्रथम, योग १५, उपयोग १०-केवल के दो छोड कर, लेश्या ६ । ___ अवेद में जीव का भेद १-सज्ञी का पर्याप्त, गुणस्थानक ६ नववे से चौदहवे तक, योग ११-४ मन के ४वचन के २ औदारिक के, १ कार्मण; उपयोग ६-पांच ज्ञान का और ४ दर्शन का, लेश्या १ शुक्ल । ___ सवेद प्रमुख पांच बोल मे रहे हुए जीवो का अल्पबहुत्व :-१ सब से कम पुरुष वेदी २ इस से स्त्री वेदी सख्यात गुणां ३ इस से अवेदी अनन्त गुणा ४ इससे नपुंसक वेदी अनन्त गुणा ५ इस से सवेदी विशेषाधिक।
कषाय द्वार -१ सकषाय में—जीव के भेद १४, गुणस्थानक १० प्रथम । योग १५, उपयोग १० केवल के दो छोड कर, लेश्या ६ ।
२-३-४ क्रोध, मान और माया कषाय मे-जीव के भेद १४, गुणस्थानक ६ प्रथम । योग .५, उपयोग १०, लेश्या ६।।
५ लोभ कषाय मे-जीव के भेद १४, गुणस्थानक १०, योग १५, उपयोग १०, लेश्या ६।
६ अकषाय मे-जीव का भेद १ सज्ञी का पर्याप्त, गुणस्थानक ४ अंतिम, योग ११, ४ मन के ४ वचन के २ औदारिक के १ कार्मण का। उपयोग ६ पाँच ज्ञान का और ४ दर्शन का, लेश्या १ शुक्ल ।