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जैनागम स्तोक सग्रह णिक), आत्मा ६ ( ज्ञान-चारित्र छोड कर ) लब्धि ५, वीर्य १ वाल वीर्य, दृष्टि १ मिथ्यात्व दृष्टि, भव्य अभव्य दो, दण्डक २४, पक्ष दो।
२ सास्वादान समदृष्टि गुणस्थानक में-भाव ३ ऊपर अनुसार, आत्मा ७ चारित्र छोड़ कर, लब्धि ५, वीर्य १ बाल वीर्य, दृष्टि १ समकित दृष्टि; भव्य १ दण्डक १६ ( पॉच एकेन्द्रिय छोड़कर), पक्ष १ शुक्ल।
३ मिश्र गुणस्थानक में भाव ३ ऊपर अनुसार, आत्मा ६ (ज्ञान चारित्र छोड़कर) लब्धि ५, वीर्य १ बाल वीर्य, दृष्टि १ मिश्र दृष्टि, भव्य १, दण्डक १६, (५ एकेन्द्रिय तीन विकलेन्द्रिय छोड़कर) पक्ष १ शुक्ल ।
३ अव्रती सम्यक्त्व दृष्टि में-भाव ५, आत्मा ७ (चारित्र छोडकर), लब्धि ५, वीर्य १ बाल वीर्य, दृष्टि १ समकित दृष्टि, भव्य १ दण्डक १६ ऊपर अनुसार, पक्ष १ शुक्ल । __ ५ देशवती गुणस्थानक में भाव ५, आत्मा ७ (देश से चारित्र है सर्व से नही) ५ लब्धि, वीर्य १, बाल पंडित वीर्य, दृष्टि १ समकित दृष्टि, भव्य १ दण्डक दो ( मनुष्य व तिर्यंच के ) पक्ष १, शुक्ल ।
६ प्रमत्त संयति गुणस्थानक में-भाव ५, आत्मा ८, लब्धि ५, वीर्य १ दृष्टि १ समकित दृष्टि भव्य १, दण्डक १ मनुष्य का, पक्ष १ शुक्ल ।
७ अप्रमत्त संयति गुण स्थानक में-भाव ५, आत्मा ८ लब्धि ५, वीर्य १ पंडित वीर्य, दृष्टि १ समकित भ० १, दंडक १ मनुष्य का, पक्ष १ शुक्ल ।
नियट्टी वादर गुण० में-भाव ५, आत्मा ८, लब्धि ५, वीर्य १ पंडित वीर्य दृष्टि १ समकित दृष्टि, भव्य १, दडक १ मनुष्य का, पक्ष १ शुक्ल ।