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जैनागम स्तोक संग्रह ७ देवाङ्गना में-भाव ५, आत्मा ७, लब्धि ५, वीर्य १ वाल वीर्य, दृष्टि ३, भव्य अभव्य २ दण्डक १३ देवता के, पक्ष २।
८ सिद्ध गति में-भाव २ क्षायक, पारिणामिक, आत्मा ४, द्रव्य ज्ञान, दर्शन व उपयोग, लब्धि नहीं, वीर्य नही, दृष्टि १ समकित दृष्टि, भव्य अभव्य नही, दण्डक नही, पक्ष नहीं।
३ इन्द्रिय द्वार के ७ भेद १ सइन्द्रिय में-भाव ५, आत्मा ८, लब्धि ५, वीर्य ३, दृष्टि ३, भव्य अभव्य २, दण्डक २४ पक्ष २।
२ एकेन्द्रिय में-भाव ३-उदय, क्षयोपशम पारिणामिक । आत्मा ६ ( ज्ञान चारित्र छोड़ कर ) लब्धि ५, वीर्य १ बाल वीर्य, दृष्टि १ मिथ्यात्व दृष्टि, भव्य अभव्य २. दण्डक ५, पक्ष २ ।
३ बेइन्द्रिय मे-भाव ३ ऊपर अनुसार । आत्मा ७ (चारित्र छोड कर ) लब्धि ५, वीर्य १ ऊपर प्रमाणे, दृष्टि २ समकित दृष्टि व मिथ्यात्व दृष्टि, भव्य अभव्य २, दण्डक १ अपना २ पक्ष २ । __ ४ त्रिन्द्रिय में भाव ३, आत्मा ७, लब्धि ५, वीर्य १, दृष्टि २, भव्य अभव्य २, दण्डक १ त्रिइन्द्रिय का, पक्ष २ ।
५ चौरिन्द्रिय में-भाव ३, आत्मा ७, लब्धि ५, वीर्य १, दृष्टि २, भव्य अभव्य २, दण्डक १ चौरिन्द्रिय का, पक्ष २।।
६ पंचेन्द्रिय में-भाव ५, आत्मा ८, लब्धि ५, वीर्य ३, दृष्टि ३, भव्य अभव्य २, दण्डक १६-१३ देवता का, १ नारकी का, १ मनुष्य का एक तिर्यच का एवं १६ पक्ष २ ।
७ अनिन्द्रिय में-भाव ३ उदय, क्षायक, पारिणामिक आत्मा ७ (कषाय छोड़कर), लब्धि ५, वीर्य पंडित वीर्य, दृष्टि १, सम्यक दृष्टि, भव्य १, दण्डक १ मनुष्य का, पक्ष १ शुक्ल ।