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जैनागम स्तोक संग्रह
एक पल्य की। इनकी देवियों की ज० दश हजार वर्ष की, उ० अर्ध पल्य की।
चन्द्र देव की स्थिति ज० पाव पल्य की उ० एक पल्य और एक लक्ष वर्ष की । देवियों की स्थिति ज० पाव पल्य की उ० अर्ध पल्य और पचास हजार वर्ष की।
सूर्य देव की स्थिति ज० पाव पल्य की उ० एक पल्य और एक हजार वर्ष की । देवियों की ज० पाव पल्य की उ० अर्ध पल्य और पाँच सौ वर्ष की।
ग्रह देव) की स्थिति ज. पाव पल्यकी उ० एक पल्य की। देवी की ज० पाव पल्य की उ० अधं पल्य की।
नक्षत्र की स्थिति ज. पाव पल्य की उ० अर्ध पल्य की। देवी की ज० पाव पल्य की उ० पाव पल्य झाझेरी।
तारा की स्थिति ज० पल्य के आठवें भाग उ० पाव पल्य की। देवी की ज० पल्य की आठवे भाग उ० पल्य के आठवे भाग झाझेरी।
पहले देवलोक के देव की ज० एक पल्य की उ० दो सागर की। देवी की ज० एक पल्य की उ० सात पल्य की । अपरिगृहिता देवी की ज० एक पल्य की उ० ५० पल्य की।
दूसरे देवलोक के देव की ज० एक पल्य झाझेरी उ० दो सागर झाझेरी, देवी की ज० एक पल्य झाझेरी उ० नव पल्य की । अपरिगृहिता देवी की ज० एक पल्य झाझेरी उ० पञ्चावन पल्य की।
तीसरे देवलोक के देव की ज० २ सागर की उ० ७ सागर चौथे
, २ झाझरी, ७ , जा. पाचवं , , , , ७ , की " १०, को छळ "
" " १० " " ॥ १४ ॥ " सातवे ,
, , १४ , , , १७ ॥ "