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अध्याय दूसरा ।
है। 'जैनविजय ' प्रेस तथा " दि० जैन ", 'जैन मित्र'
पत्रोंका दफ्तर है। २६-केलापीठ-यहां कापड़ बाजार, व मोटा मंदिर है। २७–भागातलाव-यहां स्त्री छोकड़ोंको अस्पताल, पारेख हुन्नरशाला,
फिरंगीका कबरिस्तान है। २८-बड़ेखांका चकला–यहा काजीकी मसजिद व मीनारा तथा
पशु दवाखाना है। २९-आसुरबेगका चकला-यहाँ जूना दर्वार, मारकेट व जैन
पाठशाला है। . ३०-चौक बाजार-यहां मोटी अस्पताल, विक्टोरिया बाग, सुवा
वड़खाना, बम्बई बैंक, किला, गवर्नमेंट हाईस्कूल, श्वे. जैन नगिनचंद हॉल, होपपुल, बकसीका दरिया महल प्रसिद्ध है।
शनिवारका हाटका मेला भरता है। ३१-मुल्लांचकला-यहां फ्रेज़रका दरियामहल, म्यूनिसिपल हाल,
अंग्रेजी कोठी, मिशन हाईस्कूल, चिंतामणि व पाताली हरमानके मंदिर, पारसी आफैनेज, मिरज़ास्वामीकी मसीद,
चुड़गरकी मीनारें प्रसिद्ध हैं। ३२-माछलीपीठ-यहां डाक्टर बहरामजीका धर्मादा दवाखाना है। ३३-रानीतलाव-गोपीकी स्त्री द्वारा एक तालाव बनाया गया था
उससे यह नाम पड़ा है।
शहरमें म्यूनिसिपलटीकी २९ शालाएँ हैं जिनमें ४ गुजराती कन्याशाला, १ उर्दू कन्याशाला, दो अत्यंन शाला, छ: उर्दू शाला, १६ बालकोंकी गुजराती शाला हैं । इसके सिवाय तीन जैनियोंकी, दो पारसियोंकी व ४ मिशनकी कन्याशालाएं हैं। गुजराती पाठशाला
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