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अध्याय ग्यारहवां सभापतिको धन्यवाद दिया । आगामी वर्षके लिये श्रीयुत राघोबा आनन्दराव खाड़ेने अध्यक्ष स्थान स्वीकार किया । इस समामें इसी साहूकारने इस बोर्डिंगमें एक व्यायामशाला बनवानेको ५०१) दिये व ५०१) शाहपुरके तवनप्पा आण्णा लेंगडेने होनेवाले बेलगांव बोर्डिंग व्यायामशालाके लिये दिये। ताः २४ को पहली जैन महिलापरिषद सौ० फूलबाई भ्र० रावजी नानचंद गांधी शोलापुरकी अध्यक्षतामें हुई । अनेक जैन व अजैन स्त्रियोंने भाषण कहे। ताः २५ की शामको लेडी मूर मेकेन्झीके सन्मानार्थ सभा हुई । लेडी साहबाने अपने भाषणमें स्त्री शिक्षाकी उत्तेजना दी, कहा कि बालकके माता पिता यदि सुशिक्षित होंगे तव ही बालककी मानसिक शक्ति सुदृढ़ रह सकेगी । इस समारंभमें प्रदर्शनी भी सभाने अच्छी सजाई थी जिसके खोलनेका महूर्त बम्बई सरकारके मुख्य कौन्सलर सर जान मूर मेकेन्झी द्वारा ता: २५ नवम्बर ०९ को बड़े ठाठके साथ हुई। जैन बोर्डिंगके हातेमें मंदिरकी पंच कल्याण पूजापूर्वक प्रतिष्ठा महोत्सवकी विधि कार्तिक सुदी ५ से १३ तक दौर्बल्य शास्त्री द्वारा पूर्ण की गई । इस उत्सवमें सभाको जैनयोंमें जागृत्ति पैदा करनेका अच्छा मौका मिला । सेठ माणिकचंद और प्रोफेसर लद्वेके दृढ़ प्रयत्नसे काम निर्विघ्न समाप्त हुआ । इसी वर्ष सेठजीने अपनी जिन्दगीके १००००) वीमेकी रकम प्रसन्न हो द० म० जैन सभाको प्रदान कर दी। फिर सेठनी वम्बई आए ।
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