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६७२ ] अध्याय बारहवां । अमीचंद शाह शोलापुर हुए थे। इसके साथ सेठ हीराचंद नेमचंदनी भी आए थे। पं० अर्जुनलालजी सेठी भी मौजूद थे। कुल २६ प्रस्ताव पास हुए इसमें मुख्य २ प्रस्ताव ये थे___ (१) बादशाह सातवे एडवर्डकी मृत्यु पर शोक, (२) बादशाह पंचम जोर्जके सिंहासनारूढ़ होने पर अभिनंदन, (३) जीवहिंसा बन्द की जाय । कई रजवाड़ोंने हिंसा कम की है, बादशाह जार्न भी दयाका विस्तार करै । इस प्रस्तावको सेठ माणिकचंदजीने प्रस्तावित किया था (४) सभाके शिक्षण सम्बन्धी फंड वसूल करनेको डेपुटेशन हुआ जिसमें सेठ माणिकचंद हीराचंदजी भी सभासद नियत हुए। सांगली सरकार श्रीमंत आपा साहबने विद्याकी
ओर बहुत रुचि दिखलाई । सेठ माणिकचंदजीने यहांके छात्रोंको विद्यासम्पादनार्थ उद्यम करके एक दिगम्बर जैन बोर्डिग कायम करानेका प्रबन्ध कराया जिसमें वहांके निवासियोंने अपना धर्मादा देना स्वीकार किया। प्रबन्धार्थ स्थानिक कमेटी बनाई जिसके अध्यक्ष श्री बाबाजीराव शांतप्पा औरबाड़े, मंत्री श्रीयुत बालप्पा चंदप्पा धावते हुए। इस बोर्डिंगको खोलना जून मासमें निश्चय हुआ। जबलपुर दि० जैन बोर्डिगमें आना द्रव्य सेठ माशिकचन्दनीकी
प्रेरणासे लगाकर सिंघई नारायणदासजी फासिंघई नारायणदास- गुण वदी ८ को अपनी दो पत्नियोंको जीका परलोक। निःसन्तान छोड़ इस शरीरको त्याग गए।
___ इस समाचारसे सेठजीको कुछ शोक हुआ पर धर्मात्मा सेठजी इस बात में सन्तोष मानते हुए जो थोड़े ही दिन
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