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७४६ ] अध्याय बारहवाँ।
इस महान् यात्राके सिवाय नीचे लिखीं यात्राएं और भी की।
श्री गोम्मटस्वामीकी यात्रा दो दफे सं. १९४१ और १९६६ ।
श्री केशरिया, पालीताना, गिरनार सं. १९४३में । श्री गजपंथाजी सं. १९३६ और १९५६ में । कुंथलगिरिजीकी दो दफे। तारंगाजी। पावागढ़जी। मक्सीजी आदि।
तथा आपने अपने परिणामोंसे पौना लाखसे अधिकदान अति उपयोगी कामोंमें इस भांति किया३५००० ) अहमदावादमें प्रेमचंद मोतीचंद बोर्डिङ्गके लिये। ५०००) १२३४ व्रतके उद्यापनमें । २५००) बोर्डिग बम्बईमें कार्तिक सुदी १५को वार्षिक
पूजोत्सवार्थ । ६०००) उदयपुरमें दि. जैन पाठशालाके लिये। १५००० ) अहमदावाद बोर्डिगमें देशी औषधालयके लिये । ४८००) , में धर्मशालाके लिये । ३३०० ) ,, ,, में चांदीके समवशरणके लिये । ११००) ,, ,, दशलाक्षणीमें पूजनके लिये । ३५०० ) मुडेटी ( गुजरात ) में ध्वजादंड उत्सवके लिये। ५५००) मरते समय भिन्न २ धार्मिक कार्योंके लिये । कुल ८१७०० )रुपये ।
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