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महती जातिसेवा तृतीय भाग । सभा हुई। १५०० स्त्रियां थी। श्राविकाश्रमकी बाईयोंने उपदेश दिया। अहमदावाद श्राविकाश्रमके लिये ३५०) का चंदा हुआ जिसमें प्रमुखाने १००) दिये। दूसरी स्त्रीसमा माह सुदी १३ को प्रतिष्ठा मंडपमें हुई। इसमें १००० स्त्रियां थीं। मगनबाईनीने स्त्री'धर्म और आचारपर व्याख्यान दिया जिसका अच्छा प्रभाव पड़ा। प्रान्तिक सभाके उपदेशक फंडके लिये २५००)रु.का चंदा हुआ। पर्वत पर कलश स्थापनादिकी उपज ३२००)की हुई। बाबू माणिकचंदनी बैनाड़ा प्रान्तिक सभाके महामंत्री और सेठ माणिकचंद पानाचंद जोहरी कोषाध्यक्ष नियत हुए । त्यागी ऐलक पन्नालालजीके पधारनेसे बहुत ही प्रभावना हुई । ब्रह्मचारी शीतलप्रसादनी भी आगए थे। पं० अर्जुनलाल सेठी बी० ए० व सेठ नवलचंद हीराचंदनी भी आए थे। समिति जपुरके लिये ३००) की उपज हुई। भंडारमें कुल आमद ७०००) हुई। जन संख्या ६००० थी। सेठ मूलचंद किसनदास कापड़िया संपादक “ दिगम्बर जैन " ने इस महोत्सवके लिये बहुत परिश्रम उठाया था। सेठ माणिकचंदनीने सांगलीसे सहानुभूति सूचक तार व सभापतिपदसे स्तीफा भेजा। समाने स्तीफा अस्वीकार किया और सेठजी जैसे इस सभाकी रक्षा अब तक करते रहे हैं वैसे करते रहें ऐसी सर्व सभाने इच्छा प्रकट की। बेलगांवके निकट सांगली एक राज है। यहां माघ सुदी ७
__ता० ५ फर्वरीसे ११ से माघ सुदी १२ सांगलीमें द० म० ता० १० फर्वरी तक बिम्ब प्रतिष्ठा व रथोजैन सभा और त्सव था। तथा इसी अवप्तर पर दक्षिण सेठजी। महाराष्ट्र जैन सभाका तेरहवां वार्षिक अधि
वेशन था । इस उत्सवमें हमारे प्रसिद्ध दानवीर सेठ माणिचंदजी पधारे थे। सभापति सेठ हीराचंद
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