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अध्याय बारहवाँ। अहमदावादके सेठ प्रेमचन्द मोतीचन्द दिगम्बर जैन बोर्डिंग
स्कूलका ८ वां वार्षिक उत्सव आसौज सुदी अहमदाबाद बोर्डिङ्ग- १३ ता० १६ अक्टूबरको सवेरे रमणभाई का वार्षिकोत्सव । महिपतराम नीलकंठ बी० ए० एलएल०
बी०के सभापतित्वमें हुआ। सेठ माणिकचन्दजी आ गए थे। आप ही ने प्रमुखकी प्रस्तावना की थी। लल्लूभाई लक्ष्मीचन्द चौकसीने रिपोर्ट सुनाई इसमें कहा कि दिगम्बर जैन मुम्बई परीक्षालयमें २२ विद्यार्थियों ने परीक्षा दी थी, २० पास हुए हैं व इस बोर्डिंगकी कमेटी तरफसे प्रगट होनेवाले "दिगम्बर जैन” पत्रने बहुत कुछ जागृति जैन समाज में फैलाई है इससे श्रीयुत मूलचंद किसनदास कापड़िया धन्यवादके पात्र हैं। फिर नानचंद पूंनाभाई बी० ए० व मूलचन्द किसनदासजी आदिने भाषण कहे । प्रमुखने अपने भाषणमें सेठ माणिकचन्दनीको धन्यवाद देते हुए कहा कि ऐसे बोडिगोसे तुतं फायदा नहीं मालूम होता है लेकिन २५ वर्ष पीछे एक आश्चर्यकारक फायदा आप देख सकेंगे। मैंने इसी मकान में इंग्रजी पहली पुस्तक पढ़ी थी जहां मैं अब प्रमुख हुआ हूँ। दोपहरको अहमदावाद श्राविकाश्रमका प्रथम वार्षिकोत्सव
उक्त प्रमुखकी पत्नी सौभाग्यवती विद्यागौरी श्राविकाश्रमका बी० ए०के सभापतित्वमें बहुत धूमसे हुआ। वार्षिकोत्सव । रिपोर्टके सुनाने बाद जीवकोरबाई आदिके
भाषण हुए । परीक्षामें १५ में १४ पास हुई थीं। उनको इनाम दिया गया । शा० हरजीवन रायचंदने
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