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महती जातिसेवा प्रथम भाग । [४४३ बरोबर छे. नामदार मायाळू ब्रिटिश सरकार के जेना प्रतापी अने न्यायी अमल नीचे आपणे सर्वे सुखशांतिमां रहीए छीए तेनो आपने आ मान आपवा सारु आ प्रसंगे अमे आभार मानीए छीए.
छेवटे अमो सर्वे इच्छीए छीए के आ मानवंत पदवी आप लांबा वखत सुधी भोगववाने तथा धर्म अने विद्यानां अनेक उपयोगी कार्यो करी हजु पण मोटा खेताब मेळववाने अने ए रीते सरकार अने प्रनामां वधारे मान प्राप्त करवाने भाग्यशाळो थाओ. तथास्तु। तारदेव मुंबई ता० १५ जुलाई १९०६.
ली० आपना आज्ञांकित सेवकोमोदी नाथालाल छगनलाल बी. ए. डाक्टर मोहनलाल पोपटलाल बी. ए. पारेख प्रभुलाल वाघजी बी. ए. लालाराम जैन पंडीत.
वीगेरे ! शेठ हीराचंद गुमानजी जैन बोर्डीन्ग स्कुलना विद्यार्थीओ,
शीतलप्रसादजीने जैनधर्मकी प्राचीनता व कुछ उरद्देयोंको
प्रगट करनेवाली एक पुस्तक जिनेन्द्रमतप्रयागके माघमेलेमें दर्पण प्रथम भाग रची है उसकी २००० सेठजीद्वारा पुस्तक प्रतियां सेठ माणिकचंदनीकी ओरसे मुद्रित वितरण। होकर प्रयागके माघ मेले में बाबू चेतनदासनी
बी. ए. द्वारा वितरण की गई थीं। सेठ माणिकचंदजीने वैद्यराज व वैद्यरत्न उपाधि प्राप्त पं०
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