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महती जातिसेवा द्वितीय भाग। [५४३ सुरतमें कांग्रेस गर्म और नर्म दलमें विभक्त हो गई। इससे
अधिवेशन होते२ बन्द हो गया। इसमें श्री सोशल कान्फरन्समें शिखरजी सम्बन्धी प्रस्ताव लेना भी स्वीकृत श्रीमती मगनबाई। हुआ था तो भी गर्मदलकी सभामें यह प्र
___स्ताव पास हुआ कि शिखरजी पर्वतपर बंगले बंधनेका विचार सर्कारको छोड़ देना चाहिये। कांग्रोसके मंडपमें सोशल कान्फरन्सका जल्सा हुआ। उसमें श्रीमती मगनबाईजीने स्त्री शिक्षा पर एक प्रभावशाली व्याख्यान दिया था। इस अवसरको देखकर सेठ माणिकचंदजीके उत्साहसे फुलकौर
कन्याशालेकी इनामकी सभा सूरतमें नवापुरामें फुलकौर कन्याशाला- ता० ३१ दिगम्बरको सबेरे ९ बजे इन्दौरका उत्सव । बाले सेठ झुन्नालाल मुन्नालालके सभापतित्वमें
हुई। बालिकाओंने गीत गाया । एक वर्षकी रिपोर्ट पढ़ी गई । इस समय ७९ कन्याएं थीं, इनमें ४० जैन थीं। लौकिक परीक्षाका फल ८० टका व धार्मिकका ९४ टका आया था । बाबू शीतलप्रसादजीने स्त्रीशिक्षाके लाभ दिखाए । मेरठके बावू सुलतानसिंह बकीलने मिशनरी कन्याशालाओं में जानेसे क्या२ गैरलाभ हैं सो बताए । फिर ओढ़नी, पुस्तकें व मिठाई आदि इनाममें दी गई । सभापतिने प्रशंसा करके ५१) दिये, फिर सर्व मंडली गाने बाजेके साथ कन्याशालाके मकानमें आई। वहांपर सेठजीने अपनी स्वर्गवासिनी पुत्री फुलकौरकी छबि खोलनेकी क्रिया की। किसी फोटो या तसवीरका होना उसके गुणोंको प्रदर्शित करनेके लिये एक दर्पणके समान है ! इस
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