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महती जातिसेवा द्वितीय भाग । [५२९ लाला जुनमन्धरदास नजीबाबाद आदि अनेक सज्जन काशी आ गए थे । पाठशालाके मकान में ही सभा हुई। बाबू देवकुमारजीके पेश करने और शीतलप्रसादजीके अनुमोदमसे पंडित रामभाऊ नागपुरने सभापतिके आसनको ग्रहण किया। पं० माणिकचंद, उदयलाल, कुमारैय्या, निद्धामल, मक्खनलाल आदि छात्रोंके व्याख्यान हुए । दो वर्षकी रिपोर्ट सुनकर सर्वको बहुत संतोष हुआ। छात्रवृत्ति फंडकी अपील बा० देवकुमारने की। चिरंजीलालजी हिसारने अनुमोदन किया तब उसी समय करीब ५००) के फंड हो गया जिसमें २००) सेठ माणिकचंदजीने व १००) देवकुमारजीने दिये । फिर अध्यापकोंको भेट व छात्रोंको इनाम दिया गया जिसमें वर्तमान में समाज में काम करनेवाले विद्वानोंको उस दिन विद्यार्थीकी अवस्थामें ७) माणिकचंदनी, ६) गणेशप्रसादजी, ३) कुमारैया, ३) बनलाल, २) बद्रीप्रसाद आदिको मिले तथा नागपुरके सेठ नेमीसाहने व्याख्यानोंसे प्रसन्न हो माणिकचंदजीको ४), कुमारैय्याको ४), उदयलालको २), मक्खनलालको २), निद्धामलको २) आदि पारितोषिक दिया । काशीसे सेठजी बम्बई आए । और शेष भादों मास व दशलाक्षणी धर्मसेवनमें विताई। - सेठ प्रे० मो० दि० जैन बोर्डिगका ४ था वार्षिकोत्सव
आसौन सुदी १४ ता० २० अक्टूबर अहमदाबाद बोर्डिंग- १९०७ को था। उसमें शामिल होनेके का वार्षिकोत्सव । लिये सेठनी शीतलप्रमादनीके साथ अहम
दाबाद आए। बम्बईसे माता रूपाबाई, लल्लभाई लक्ष्मीचंद व परोपकारी मंत्री परीख लल्लूभाई प्रेमानंद
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