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समाजकी सच्ची सेवा |
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इस बोर्डिगकी कमेटी के आधीन और भी कई फंड हैं जिनका योग्य उपयोग होता है— उनमें एक बहुत विद्यार्थी लोन फंड | उपयोगी फंड विद्यार्थी लोनफंड है । इसमें से विद्यार्थियोंको कर्ज दिया जाता है। ताकि उनका अभ्यास न छूटे। इसके लिये सेठ माणिकचंदजीने ता: २९--१०--१९०४ को ५०० ) अपनी पुत्री फूलकौरकी यादगार में दिये थे । इसमें रुपया आते जाते रहकर सन् १९१२ के अंत में रु. १०१५ ||| ) | थे इसमें से विलायत इंजीनियरीका अभ्यास करनेको जाते हुए वोरा छोटालाल हरजीवनदासको ३००) दिये गए थे । यह स्था० खे० भाई आजकल बड़ौधा कलाभवन के प्रिन्सिपल हैं। तथा ५० ) बनारसीदास जलेसरको बी. ए. के अभ्यास के समय दिये गए थे । यह अब वकालत करते हैं । यह सब रुपया पीछे आगया है । सन् १९१२ में ४ छात्रों को २२३२ || ) || कर्ज के दिये गए थे। छात्रोंको थोड़ीसी मदद मिलन पर वे अपना अभ्यास अच्छी तरह आगे चला सकते हैं। ऐसे२ फंड बनायको कायम करके छात्रोंकी सहायता करनी चाहिये ।
प्राचीन शास्त्रोंके उद्धारका प्रेम सेठ माणिकचंद में कितना था इसका एक नमूना तो धवलादि ग्रंथोंकी
शेठ माणिकचंदजीका पुनरावृत्ति है सो आगे बता चुके हैं । दूसरा शास्त्र प्रेम । यह है कि जब विद्वानोंसे आपने मालूम किया कि स्वामी समन्तभद्राचार्यने श्री उमास्वामी
कृत दशाध्याय तत्वार्थसूत्र पर गन्धहस्त महाभाष्य नामकी ८४००० श्लोकों में वृत्ति बनाई थी तथा अब जिसका पता कहीं नहीं
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