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________________ समाजकी सच्ची सेवा | [ ३२७ इस बोर्डिगकी कमेटी के आधीन और भी कई फंड हैं जिनका योग्य उपयोग होता है— उनमें एक बहुत विद्यार्थी लोन फंड | उपयोगी फंड विद्यार्थी लोनफंड है । इसमें से विद्यार्थियोंको कर्ज दिया जाता है। ताकि उनका अभ्यास न छूटे। इसके लिये सेठ माणिकचंदजीने ता: २९--१०--१९०४ को ५०० ) अपनी पुत्री फूलकौरकी यादगार में दिये थे । इसमें रुपया आते जाते रहकर सन् १९१२ के अंत में रु. १०१५ ||| ) | थे इसमें से विलायत इंजीनियरीका अभ्यास करनेको जाते हुए वोरा छोटालाल हरजीवनदासको ३००) दिये गए थे । यह स्था० खे० भाई आजकल बड़ौधा कलाभवन के प्रिन्सिपल हैं। तथा ५० ) बनारसीदास जलेसरको बी. ए. के अभ्यास के समय दिये गए थे । यह अब वकालत करते हैं । यह सब रुपया पीछे आगया है । सन् १९१२ में ४ छात्रों को २२३२ || ) || कर्ज के दिये गए थे। छात्रोंको थोड़ीसी मदद मिलन पर वे अपना अभ्यास अच्छी तरह आगे चला सकते हैं। ऐसे२ फंड बनायको कायम करके छात्रोंकी सहायता करनी चाहिये । प्राचीन शास्त्रोंके उद्धारका प्रेम सेठ माणिकचंद में कितना था इसका एक नमूना तो धवलादि ग्रंथोंकी शेठ माणिकचंदजीका पुनरावृत्ति है सो आगे बता चुके हैं । दूसरा शास्त्र प्रेम । यह है कि जब विद्वानोंसे आपने मालूम किया कि स्वामी समन्तभद्राचार्यने श्री उमास्वामी कृत दशाध्याय तत्वार्थसूत्र पर गन्धहस्त महाभाष्य नामकी ८४००० श्लोकों में वृत्ति बनाई थी तथा अब जिसका पता कहीं नहीं Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003979
Book TitleDanvir Manikchandra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMulchand Kishandas Kapadia
PublisherMulchand Kisandas Kapadia
Publication Year
Total Pages1016
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size17 MB
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