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समाजकी सभी सेवा |
३२६ ]
५ - श्वे० शाह त्रिभुवन ओधवजी भावनगर, बी० ए० एल० एल० सोलीसिटर 1
बी,
६ - २० शाह सोमचंद्र करमचंद राजकोट, बी० ए० एल० एल० बी०, चीफ वकील नवानगर काठियावाड़ |
इत्यादि ऊपर लिखित व्यवस्था दिखानेका प्रयोजन यह है कि बोर्डिंग के आश्रयसे कितना लाभ हुआ है । जब तक स्वतंत्र जैन कालेज मुख्य २ प्रान्तों में न हों तब तक ऐसे बोर्डिंगों के होनेसे छात्र ऊंची शिक्षा लेकर लौकिक उन्नति करेंगे तथा धार्मिक शिक्षा के वीनसे अवश्य उनके जीवन में धर्म शिक्षा रहित छात्रोंकी अपेक्षा आचरण आदिमें फर्क रहता है ।
यहां पर जो छात्र रहते हैं उनको दिवसमें शामकी व्याल करने व कंदमूल आदि अभक्ष्य पदार्थ न देनेका नियम है ।
सन् १९१६ दिसम्बर तक जबसे बोर्डिग खुला उसक संक्षिप्त नक्शा और भी दिया जरता है ।
शुरू ३११
२३३
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१६ वर्षका संक्षिप्त नकशा ।
० छात्रोंने लाभ लिया
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दि० छात्रोंन
न एल. एल. बी. परीक्षा पासकी
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बी० ए०
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कुल ३४९८०) छात्रवृत्तिमें खर्च किया गया
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