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अध्याय नवां । १९००को सुपुर्द करके टूटडीड रजिष्टर कराया गया जिसकी इंग्रेजी नकल पाठकोंके ज्ञानहेतु अंतमें दी गई है।
टूष्टी१ सेठ पानाचंद हीराचंद २ सेठ माणिकचंद , ३ सेठ नवलचंद ,, ४ सेठ प्रेमचंद मोतीचंद ५ सेठ हीराचंद नेमचंद दोशी शोलापुर [बम्बई.
६ सेठ राना धरमचंद राजा दीनदयाल प्रसिद्ध फोटाग्राफर, इस बोर्डिङ्गके तीन मंजलों में सुपरिन्टेन्डेन्टके रहनेके स्थान व रसोईघरके सिवाय २३ कमरे हैं जिनमें ४७ छात्र रह सक्ते हैं। ट्रष्टडीडमें खास ३ नियम हैं कि
(१) हीराचंद गुमानजीके वंशमेंसे दो टूष्टी हमेशा कमेटीमें रहेंगे यदि वंशमें कोई न रहे तो उनके निकट सम्बन्धियों में रहेंगे।
(२) दृष्टीकी संख्या कमसे कम छः व अधिक ८ होगी।
(३) दृष्ट कमेटी व उसके द्वारा नियत प्रबन्ध कारिणीमें सत्र मेम्बर दिगम्बर जैन होंगे।
(४) इसमें मेट्रिकुलेशन पास जैन छात्र भरती किये जाते हैं उनमें सबसे पहले संस्कृत द्वितीय भाषा रखनेवाले दिगम्बरी छात्रोंको, फिर अन्यभाषा रखनेवाले दिग० छात्रोंको फिर संस्कृतवाले श्वेताम्बरी छात्रोंको फिर अन्यभाषा वाले श्वे० छात्रोंको स्थान दिया जाता है फीस किसीसे नहीं ली जाती। इंटेन्ससे नीचे व चौथे क्लासके
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