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सूत्रांक
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विषय
के मना करने के बाद भी उनके घर गोचरी जाने का प्रायश्चित्त
गृहस्थ
बड़े जीमनवार में मिक्षार्थ जाने का प्रायश्चित्त
अभिहड दोष सेवन का प्रायश्चित्त
१६- २१ पात्र परिकर्म का प्रायश्चित्त
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गृहस्थ ' के घर में प्रवेशभूमि, कितने दूर से लाया गया आहार कैसे लेना, सूत्र में "तीन" शब्द क्यों ?
४१
२२-२७ शरीर परिकर्म का प्रायश्चित
शब्दार्थ, परिकर्म प्रवृत्ति से दोष, "कूमेज्ज एग्ज" पद की विचारणा ।
२८-३३ व्रण चिकित्सा का प्रायश्चित
३४-३९ घूमड़े आदि की शल्य चिकित्सा का प्रायश्चित्त
शब्दों की व्याख्या, छहों सूत्रों का सम्बन्ध क्रम, सकारण अकारण चिकित्सा स्वरूप, स्थविरकल्पी भिक्षु को चिकित्सा का अपवाद, उत्सर्ग अपवाद का स्वरूप उत्सर्ग अपवाद कब धौर कब तक, पथष्ट साधकों का कलंकित अपवाद, अपवाद से पतन भी, एक ऋषि के दृष्टांत से अपवाद की मात्रा का विवेक ज्ञान, उत्सर्ग अपवाद का अधिकारी कौन ?
४२-४७ बाढ़ी मूंछ एवं कांख आदि के रोम काटने का प्रायश्चित्त
४८-५० दंतमंजन आदि करने का प्रायश्चित्त
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अपानद्वार से कृमियां निकालने का प्रायश्चित्त
कृमियों का स्वरूप एवं उत्पति का कारण ।
नख काटने का प्रायश्चित्त
नख काटने का एकांत अनेकांत सिद्धांत विचारणा, विभिन्न आगम स्थलों का संकेत संकलन, अकारण सकारण स्थिति का ज्ञान ।
आगमिक विधान, दंतक्षय रोग, दांत स्वस्थ रखने हेतु सावधानियां, अदंतधावन का इन्द्रियनिग्रह और संयम समाधि से सम्बन्ध, दांतों की रुग्णता एवं कभी दंतमंजन करना भी अनाचार नहीं, विवेक ज्ञान ।
५१-५६ ओष्ठ परिकर्म का प्रायश्चित
५७-६२ चक्षु परिकर्म का प्रायश्चित्त
६४-६६ मस्तक आदि के केश काटने का प्रायश्चित्त
प्रासंगिक ५१ सूत्रों की संख्या एवं क्रम का निर्णय चूर्णि में सूचित १३ पद और २६ सूत्रों का आशय एवं उनकी तालिका ।
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