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दूसरा उद्दे शक ]
सूत्र ५७ सूत्र ५८ ६३
सूत्र ६४
सूत्र ६५
सूत्र ६६
सूत्र ६७
सूत्र ६८
सूत्र ६९
सूत्र ७०
सूत्र ७१
सूत्र ७२
सूत्र ७३
सूत्र ७४
सूत्र ७५
सूत्र ७६
सूत्र ७७
सूत्र ७८
सूत्र ७९
सूत्र ८०
आंखों के बाल काटना । प्रांखों का प्रमार्जन आदि करना ।
नाक के बाल काटना ।
भौहों के बाल काटना |
मस्तक के बाल काटना ।
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शरीर पर जमा हुआ मैल हटाना । प्रांख-कान-दांत और नखों का मैल निकालना । ग्रामानुग्राम विहार करते हुए मस्तक ढँकना । वशीकरण सूत्र बनाना ।
घर के विभागों में मल-मूत्र त्यागना । श्मशान के विभागों में मल-मूत्र त्यागना । नवीन मिट्टी की खान आदि में मल-मूत्र त्यागना । कोयले बनाने आदि स्थानों में मल-मूत्र त्यागना । कीचड आदि के स्थानों में मल-मूत्र त्यागना । फल संग्रह करने के स्थानों में मल-मूत्र त्यागना । वनस्पति [ सब्जी ] के स्थानों में मल-मूत्र त्यागना । इक्षु, शालि आदि के वन में मल-मूत्र त्यागना । अशोक वृक्ष आदि के वन में मल-मूत्र त्यागना । धूप न आने के स्थान में मल-मूत्र त्यागना । इत्यादि प्रवृत्तियों का लघुमासिक प्रायश्चित्त प्राता है ।
इस उद्देशक के ६५ सूत्रों के विषय का कथन निम्न आगमों में है यथा
सूत्र १-४
मांग-मांग कर लेने का निषेध संखडी गमन निषेध
- आव. प्र. ४
सूत्र १४
सूत्र १५
सामने लाया हुआ आहार सूत्र १६-३९ शरीर परिकर्म निषेध सूत्र ४१-४७ भिक्षु लम्बे नख और केश सूत्र ४८-६३ दन्तादि परिकर्म निषेध सूत्र ६४-६६ रोम - केश परिकर्म निषेध सूत्र ६७ जल्ल परीषह वर्णन में पसीना निवारण निषेध सूत्र ७२-७९ श्मशान आदि में मल मूत्र त्यागने का निषेध
-- आचा. श्रु. २, अ. १, उ. २, ३ आदि ग्रहण करना अनाचार है । -- दश. प्र. ३, गा. ३, ५, ९, ६, १४, १५ वाला होता है । - दश. प्र. ६, गा. ६५ ३ तथा ९ १
-दश. प्र. ३, गा. - प्रश्न. श्रु. २, अ.
इस उद्देशक के निम्न १५ सूत्रों के विषय का कथन अन्य आगमों में नहीं है, यथा-
सूत्र ५-८ कौतूहल से याचना,
सूत्र ९-१२ अदृष्ट स्थान से लाये हुए आहार का निषेध करके पुनः लेना, मना किये जाने पर उस घर में गोचरी जाना ।
सूत्र १३
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- दश. प्र. ३, गा. ३
१, सु. ४ दश. अ. ६, गा. ६५ -- उत्त. २, गा. ३७
-- आचा. श्रुत. २, प्र. १०
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