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[निशीथसूत्र
१४ १५ १६-१७ १८-१९
चारों कालों में स्वाध्याय नहीं करना अतिचार कहा है
--प्राव. अ. ४ अस्वाध्याय में स्वाध्याय करने का निषेध
-व्यव. उ.७ अपनी शारीरिक अस्वाध्याय में स्वाध्याय करने का निषेध
--व्यव. उ. ७ आगमों के वाचना-क्रम का विधान
-व्यव. उ. १० अपात्र को वाचना देने का निषेध एवं पात्र को वाचना देने का विधान
__ -बृहत्कल्प उ. ४ अव्यक्त को वाचना देने का निषेध और व्यक्त को वाचना देने का विधान
---व्यव. उ. १०
२०-२१
इस उद्देशक के २३ सूत्रों के विषय का कथन अन्य आगमों में नहीं है, यथासूत्र १-५, ७ औषध सम्बन्धी उक्त समस्त वर्णन अन्यत्र नहीं है । ९-१०
कालिकश्रुत की ९ गाथाओं एवं दृष्टिवाद की २१ गाथाओं को उच्चारण करने का विधान चार महामहोत्सवों में स्वाध्याय करने का निषेध वाचना देने में पक्षपात नहीं करना
अदत्त वाचना ग्रहण नहीं करना २४-३५ मिथ्यात्व भावित गृहस्थों को एवं पार्श्वस्थादि को वाचना नहीं देना और उनसे वाचना नहीं लेना।
॥ उन्नीसवां उद्देशक समाप्त ॥
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