Book Title: Agam 24 Chhed 01 Nishith Sutra Stahanakvasi
Author(s): Madhukarmuni, Kanhaiyalal Maharaj, Trilokmuni, Devendramuni, Ratanmuni
Publisher: Agam Prakashan Samiti

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Page 557
________________ [४५७ बीसवां उद्देशक ] है, फिर भी इसके सूत्रों की संख्या भाष्यगाथा ६४६९ से ७३ तक में कही गई पूरे निशीथ के सूत्रों की एवं लघु, गुरु, मासिक, चौमासिक एवं प्रारोपणा सूत्रों की संख्या से भिन्न है । उपलब्ध सूत्र संख्या से इनका समन्वय करना भी अशक्य है । यथा प्रथम उद्देशक में सूत्र संख्या ५८ उपलब्ध है, भाष्यचूर्णि में भी इतने ही सूत्रों की व्याख्या है, फिर भी इस उद्देशक को सूत्र संख्या उक्त गाथाओं में २५२ कही गई है । अतः २०२२ सूत्रों का कथन बहुत गम्य है । वर्तमान के तो स्वाध्यायप्रेमियों को १४०१ सूत्रों से ही सन्तोष करना पड़ेगा । अन्वेषक चिन्तनशील आगमप्रेमी बहुश्रुत इस विषय में प्रयत्न करके समाधान प्रकट कर सकते हैं । बीस उद्देशकों के सूत्रों की तालिका उद्देशक १ Jain Education International २ ३ ४ ५ ६ ७ ८ ९ १० ११ १२ १३ १४ १५ १६ १७ १८ १९ २० प्रायश्चित्त-स्थान गुरुमासिक लघुमासिक घुमा लघुमासिक लघुमासिक गुरुचौमासी गुरुचौमासी गुरुचौमासी गुरुचौमासी गुरुचौमासी गुरुचौमासी लघुचौमासी लघुचौमासी लघुचौमासी लघुचौमासी लघुचौमासी लघुचौमासी लघुचौमासी लघुचीमामी श्रारोपणा योग For Private & Personal Use Only सूत्र - संख्या ५८ ५७ ८० १२८ ५२ ७८ ९२ १८ २५ ४१ ९१ ३१७ ३४५ ४४ ७८ ४१ १५४ ५० १५५ ७३ ३५ ५१ १४०१ ( चौदह सौ एक) ६३० www.jainelibrary.org

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