________________
चेतन कर ले विचार, चेतन कर ले विचार, स्थूल दोष चले नहीं एक भी बार, स्पष्ट वेदन किसे मिलेगा, एक बार डूबा तो क्या विचार? ब्रह्मचर्य धारण करनार,
इसलिए चेतकर चल। इसलिए चेतकर चल।
चेतन कर ले विचार, चेतन कर ले विचार, ध्येय का महान है चितार, विषयों की अब क्या मदार, कदम छोटे और प्रमाद अपार, दादा कृपा अपरंपार,
इसलिए चेतकर चल। इसलिए चेतकर चल
चेतन कर ले विचार, चेतन कर ले विचार, विषय तो भोगे अनंतबार, ब्रह्मचर्य बिना नहीं है उद्धार, ज्ञानी नहीं आए हाथ दोबारा, मोक्ष गए सर्वसंग त्यागनार,
इसलिए चेतकर चल। इसलिए चेतकर चल ।
चेतन कर ले विचार, चेतन कर ले विचार, विश्व में विषय अंधकार, ब्रह्मचारी विश्वे अचरजकार, दीप बनकर तू जग तार, क्रम-अक्रम को आप जोड़नार,
इसलिए चेतकर चल। इसलिए चेतकर चल। चेतन कर ले विचार, चेतन कर ले विचार, कब निकलोगे विषय पार, जग कल्याणी ध्येय सवार, तभी झगमगाएगा ज्ञान अपार, शील से कष्ट कंपावनार,
इसलिए चेतकर चल। इसलिए चेतकर चल। चेतन कर ले विचार, चेतन कर ले विचार, ब्रह्मचर्य ही सर्वाधार, आपोपु गए पूर्ण थनार, भगवंत पद पर पहुँचानेवाला, निरालंब स्व में बर्तनार,
इसलिए चेतकर चल। इसलिए चेतकर चल
NY (साधक को 'चेतन' की जगह पर खुद का नाम लेना है)
48