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ब्रह्मचर्य प्राप्त करवाए ब्रह्मांड का आनंद
इससे क्या नहीं मिल सकता ?
इस कलियुग में, इस दुषमकाल में ब्रह्मचर्य पालन करना बहुत मुश्किल है । अपना ज्ञान है कि जो इतना ठंडकवाला है। अंदर हमेशा ठंडक रहती है, इसलिए ब्रह्मचर्य पालन कर सकते हैं। बाकी, अब्रह्मचर्य है किस वजह से ? अंतरदाह की वजह से । पूरे दिन कामकाज करके जलन, निरंतर जलन खड़ी हुई है। यह ज्ञान है, इसलिए मोक्ष में कोई बाधा नहीं होगी, लेकिन साथ में यदि ब्रह्मचर्य हो तो उसका आनंद भी ऐसा ही रहेगा न ?! अरे! अपार आनंद। वह तो दुनिया ने चखा ही नहीं है, ऐसा आनंद उत्पन्न हो जाता है ! यानी ऐसे व्रत में ही यदि वह पैंतीस साल का पीरियड गुज़ार दे तो उसके बाद तो अपार आनंद उत्पन्न होगा! अगर ऐसा उदय आया है, वह तो धन्य भाग्य ही कहलाएगा न? अब अच्छी तरह से पार उतर जाना चाहिए। जो आज्ञा सहित हो, वास्तव में वही ब्रह्मचर्य है और तभी काम होता है। गलती हो जाए तो दादा से माफी माँग लेना ।
उधार जितना ज़्यादा होता है, विचार उतने ही खराब होते हैं, बहुत ही खराब विचार होते हैं।
प्रश्नकर्ता : खराब विचार तो मुझे भी आते हैं दादाश्री : हाँ, वह उसका उधार है। प्रश्नकर्ता : वह उधार कैसे खत्म करना है ?