Book Title: Samaz se Prapta Bramhacharya Purvardh
Author(s): Dada Bhagwan
Publisher: Dada Bhagwan Aradhana Trust

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Page 473
________________ ४२० समझ से प्राप्त ब्रह्मचर्य (पू) ऐसी 'समझ' कौन देगा? ___ इन बहन का तो निश्चय है कि 'एक ही जन्म में मोक्ष में जाना है। अब यहाँ नहीं चलेगा, इसलिए एक अवतारी ही बनना है।' तो फिर उन्हें सभी साधन मिल गए, ब्रह्मचर्य की आज्ञा भी मिल गई! प्रश्नकर्ता : हम भी क्या एक अवतारी बनेंगे? दादाश्री : तुझे थोड़ी देर लगेगी। अभी तो थोड़ा हमारे कहे अनुसार चलने दे। एक अवतारी तो आज्ञा में आने के बाद, इस ज्ञान में आने के बाद काम होगा। यों तो आज्ञा के बिना भी मोक्ष दो-चार जन्मों में होनेवाला है, लेकिन अगर आज्ञा में आ जाए तो एक अवतारी हो जाए! इस ज्ञान में आने के बाद हमारी आज्ञा में आना पड़ेगा। अभी तक आप सभी को ब्रह्मचर्य की आज्ञा दी नहीं है न? वह हम जल्दी से देते भी नहीं हैं क्योंकि सभी को पालन करना नहीं आता, अनुकूल नहीं रहता। उसके लिए तो मन बहुत मज़बूत होना चाहिए। आज सत्संग में जो साड़ी पहनी है, तो कितना अच्छा दिख रहा है। कल शादी में जाना था तब साड़ी पहनी थी, यदि कोई देखता तो कहता कि 'ज़बरदस्त दिख रही हो।' इस तरह जिससे लोगों को आश्चर्य हो, वैसा नहीं पहनना चाहिए। सादा पहनना, उसकी कीमत है। वह तो मोही कहलाता है। जो सादा और सलीकेवाला कहलाए, वैसा पहनना चाहिए। मैं भी नये कपड़े पहनता हूँ न? लेकिन वे सलीकेवाले होते हैं। भड़कीले कपडे पहने हों तो लोग समझेंगे कि यह मूर्छित है। तुम ऐसे कपड़े पहनोगी तो लोग समझेंगे कि यह सत्संग में गई ही नहीं होगी, इसलिए सिम्पल साड़ी अच्छी। साड़ी के आधार पर देह है या देह के आधार पर साड़ी है? सिम्पल साड़ी ही प्रभावशाली होती है। लड़के भी भड़कीले कपड़े पहनते हैं न? तुम्हें मोक्ष में जाना

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