Book Title: Samaz se Prapta Bramhacharya Purvardh
Author(s): Dada Bhagwan
Publisher: Dada Bhagwan Aradhana Trust

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Page 478
________________ __ मूल गुजराती शब्दों के समानार्थी शब्द हूंफ : अवलंबन, सलामती निर्जरा : आत्म प्रदेश में से कर्मों का अलग होना गलन : डिस्चार्ज होना, खाली होना पुद्गल : जो पूरण और गलन होता है गलगलिया : वृत्तियों को गुदगुदी होना, मन में मीठा लगना निकाल : निपटारा अटकण : जो बंधनरूप हो जाए, आगे नहीं बढ़ने दे अरीसा : दर्पण पूरण : चार्ज होना, भरना उणोदरी : जितनी भूख लगे उससे आधा भोजन खाना तरंगें : शेखचिल्ली जैसी कल्पनाएँ उपाधि : बाहर से आनेवाला दु:ख निकाल : निपटारा अणहक्क : बिना हक़ का, अवैध भोगवटा : सुख या दुःख का असर ऊपरी : बॉस, वरिष्ठ मालिक तरछोड़ : तिरस्कार सहित दुत्कारना राजीपा : गुरुजनों की कृपा और प्रसन्नता चोविहार : सूर्यास्त से पहले भोजन करना आश्रव : कर्म में उदय की शुरूआत, उदय कर्म में तन्मयाकार होना

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