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अंतिम जन्म में भी ब्रह्मचर्य तो आवश्यक (खं-2-१७)
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उसने अगर अंदर ऐसा माल भरा हुआ हो तो मैं उससे ऐसे भी नहीं कह सकता कि तू शादी कर। उससे दोनों का बिगड़ेगा। दोनों का नहीं, घर के सभी लोगों का बिगड़ेगा। हमें तो एट-ए-टाइम सभी तरह के विचार आते हैं न! वर्ना मेरे लिए इन सबका कब अंत आएगा? मुझे तो आपको मोक्ष में ले जाने का रास्ता दिखाना है। हम तो दूसरी ओर से हेल्प करने के लिए भी तैयार है। जब असल में वैसा हो जाएगा, तब मुझे पता चल जाएगा। दो-पाँच साल बाद उसका भी पता चल जाएगा न? अभी तो 'ऑन ट्रायल' रखा हुआ है। हाँ, असली हो जाएगा तब मुझे पता चल जाएगा। मुझे तो, कोई ज़रा भी अंदर कच्चा पड़ जाए तो पता चल जाता है और जगत् क्या छोड़ देगा? खुद की प्रकृति क्या छोड़ देगी? इसलिए हम ऑन ट्रायल देखते हैं।
अक्रम में ऐसे आश्रम की ज़रूरत बाकी जिसे ब्रह्मचर्य व्रत लेना ही है तो उसे अब्रह्मचारी के साथ नहीं रहना चाहिए। वह 'टच' नहीं रहना चाहिए। उन्हें उनके जैसे ब्रह्मचारी के ही टच में रहना चाहिए। इसलिए उनकी यह बात तो सही ही है न, कि सब साथ में मिलकर रहे?
प्रश्नकर्ता : लेकिन अब्रह्मचारियों के साथ ही रहकर जब ब्रह्मचर्य व्रत पालन करे, तभी खरा है न? वही उसका टेस्ट है
न?
दादाश्री : नहीं। हम वैसा नहीं कह सकते और वैसा नियम भी नहीं है। प्रकृति का नियम मना करता है। इतना टेस्टेड इंसान, वह तो फिर भगवान ही कहलाएगा न?
प्रश्नकर्ता : इनका तो पूरा समूह इकट्ठा हो जाएगा।
दादाश्री : यों ही कुछ होता है? इसके पीछे 'व्यवस्थित' है। 'व्यवस्थित' का नियम तो है न? यह 'व्यवस्थित' कैसा है कि जो रोज़ यहाँ ब्रह्मचर्य का कार्य कर रहा हो और तीन दिनों