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अंतिम जन्म में भी ब्रह्मचर्य तो आवश्यक (खं-2-१७)
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कहा कि, 'तो तुम ब्रह्मचर्य पालन करो तो तुम जगत् का कल्याण कर सकोगे।'
दोनों में से उच्च कौन सा? प्रश्नकर्ता : इतने-इतने से लड़के ब्रह्मचर्य में क्या समझ सकते हैं? ब्रह्मचर्य तो एक उम्र के बाद ही आ सकता है न?
दादाश्री : नहीं, ये लोग तो ब्रह्मचर्य के बारे में सही तौर पर समझ गए है! ऐसा है न, कि यह तो हमें ऐसा लगता है, लेकिन तेरह साल के बाद वह ब्रह्मचर्य के बारे में समझने लगता है। क्योंकि जब तेरह साल का होता है, तभी से इमोशनल हुए बिना रह ही नहीं सकता। फिर वह मोशन में नहीं रह सकता।
प्रश्नकर्ता : अब, दो तरह के ब्रह्मचर्य है। एक अपरिणित ब्रह्मचर्य दशा और दूसरा शादी करने के बाद पालन करे, वह। इनमें से उच्च कौन सा?
दादाश्री : शादी करके पालन करना उच्च कहलाता है। लेकिन शादी करके पालन करना मुश्किल है। अपने यहाँ कई शादी करके ब्रह्मचर्य पालन करते हैं, लेकिन वे चालीस की उम्र से ज़्यादावाले
हैं।
प्रश्नकर्ता : तो फिर शादी किए बिना जो ब्रह्मचर्य पालन करते हैं, वह 'अनटेस्टेड' कहलाएगा न?
दादाश्री : नहीं। वह 'अनटेस्टेड' नहीं है। उसे खुद को ही शादी करने में रुचि नहीं होती। उसका कोई क्या कर सकता है? जिसे शादी करने में रुचि ही नहीं हो, उसके साथ हम ज़बरदस्ती कैसे कर सकते हैं? ज़बरदस्ती करनी चाहिए? मैं तो सभी से क्या कहता हूँ कि आप दो शादियाँ करो, आपको मोक्ष में दिक्कत नहीं आएगी। मेरे द्वारा जो ज्ञान दिया गया है, वह ज्ञान ही आपको मोक्ष में ले जाएगा, ऐसा है, लेकिन सिर्फ हमारी आज्ञा का पालन करना।