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समझ से प्राप्त ब्रह्मचर्य (पू)
रहा न, मनुष्य का! अब कानून समझकर करना यह सब। जिसके वर्तन में आ जाए, तो उसका आना हम बंद कर देते हैं क्योंकि नहीं तो यह संघ टूट जाएगा। संघ में तो विषय की दुर्गंध आनी ही नहीं चाहिए। अतः अगर ऐसा हो तो मुझे बता देना। शादी करेगा फिर भी उपाय है। शादी करने से मोक्ष चला नहीं जाएगा। तेरे पास उपाय रहे, ऐसा कर देंगे।
आप्तपुत्रों के लिए दफाएँ जिसका निश्चय है न, वह रह सकता है! सिर पर ज्ञानीपुरुष की छत्रछाया है। ज्ञान लिया हुआ है, अंदर सुख तो रहता ही है न, फिर किसलिए कुएँ में गिरना? इसलिए यह जो प्रमाद किए हैं न, उसके बाद मुझे अच्छे ही नहीं लगते तुम। अभी भी प्रमादी और यों सारे यूज़लेस। कुछ ठिकाना ही नहीं है न! मेरी मौजूदगी में सोते हैं, फिर क्या बात करनी? कब लिखकर देनेवाले हो?
प्रश्नकर्ता : आप कहें तब। अभी लिखकर दे देते हैं।
दादाश्री : दो दफाएँ, एक विषयी व्यवहार, यदि विषयी व्यवहार हो जाए तो हम खुद ही निवृत्त हो जाएँगे, किसी को निवृत्त नहीं करना पड़ेगा। ऐसा लिखना है। हम खुद ही यह स्थान छोड़कर चले जाएँगे और दूसरा अगर यह प्रमाद हो जाए तो उस समय संघ हमें जो भी दंड देगा, वह। तीन दिन तक भूखे रहने की या कुछ भी, जो भी दंड देंगे, उसे स्वीकार कर लेंगे। हम कहाँ बीच में आएँ! यह संघ है न। ये लोग मेरी मौजूदगी में इतना सोते हैं तो क्या यह अच्छा दिखता है? हाँ, दोपहर में तो सो रहे थे, तो ये पकड़े गए सब। पहले भी कई बार पकड़े गए थे। यह तो सारा कचरा माल है। वह तो जैसे तैसे थोड़ा बहुत सुधरा। तुझे ऐसा लिखकर देना है। आप्तपुत्र ऐसा लिखकर देंगे, हमें। दो दफाएँ, कौन सी दफाएँ लिखकर देंगे?